
साथ तू हो तो लगती है , आसां डगर
ऐ मेरे हमसफर , ऐ मेरे हमसफर
तेरे साए में सताए न, कोई भी डर
ऐ मेरे हमसफर , ऐ मेरे हमसफर
ऐसा लगता है जो खो गई थी कभी
तेरे होने से चीजें सभी मिल गईं
हर घड़ी मुझसे रुठी थी किस्मत मेरी
तेरे आने से जैसे ये भी खिल गई
तेरे होने का है, ये सारा असर
ऐ मेरे हमसफर , ऐ मेरे हमसफर
तेरे होने से विश्वास मन में बसा
तेरे होने का आभास अरमान में
जब तलक मैं रहूं , साथ तेरा रहे
रब से मांगूं यही सिर्फ वरदान में
तेरे साये में बीते, ये सारी उमर
ऐ मेरे हमसफर , ऐ मेरे हमसफर
विक्रम कुमार
मनोरा, वैशाली