माँ

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जगा देता है माँ को,
प्रातःकाल के कर्तव्य का सूरज,
मध्यान्ह काल में तपता मन
काम के बोझ से,
संध्या में निढाल तन
अस्त होते सूर्य-सा।
सोते वक्त थकान
टूट-टूटकर गिरती है
अस्त-व्यस्त बिस्तर पर।
शयन कक्ष में रात को
दीवारों पर चिपका देती है
दिनभर के काम
और मन की खूंटियों पर
टांग देती है
कल की योजना,
जिसे सुबह होते ही उतार कर
पहन लेती है…..
और इस तरह माँ
बिना अवकाश लिये
प्यार, ममता और वात्सल्य
के बीज बो कर
परिवार के खेत को
सींचती है
स्वयं के त्याग
और थकी हुई मुस्कान से।।

परिचय:
नाम- नरेंद्रपाल जैन
साहित्यिक उपनाम-
वर्तमान पता- ऋषभदेव, उदयपुर
राज्य- राजस्थान
शहर- ऋषभदेव
शिक्षा- स्नातक
कार्यक्षेत्र- डूंगरपुर
विधा – काव्य की सभी विधाएं
प्रकाशन- मनोभाव, गागर, सुनो रहने दो, प्यासे नगमे, जीवन माला।
सम्मान- साहित्य रत्न, साहित्य भूषण, काव्य रत्न, भारतीय राजदूतावास काठमांडो नेपाल द्वारा सम्मान, शब्द साधना गौरव सम्मान आदि।
ब्लॉग-
अन्य उपलब्धियां- 1994 से हिंदी कवि सम्मेलनों में अनवरत भागीदारी, अब तक 200 से अधिक मंचों पर काव्य पाठ।
लेखन का उद्देश्य- हिंदी भाषा की सेवा।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।