#नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)
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जीवन से छुटा,वापस आता नही है।
कोई भी हो दर्द,फिर उसे सताता नही है ।।
जीवन की कठिनाइयां उसे सताती नही है।
जिसके ऊपर मोह माया का साया नही है।।
जीवन भर फिर वो झूठ बोलता नही है।
रुपये पैसे की खनखन जिसे सुनती नही है।।
जीवन भर फिर गम उसे सताता नही है।
वो जो दर्द किसी को भी दिखाता नही है।।
जीवन भर फिर वो किसी से डरता नही है।
मौत का ना डर जिसे,वो मरता नही है।।
जीवन में दुःखो से उसे लड़ना आता है।
जो दुःखो के डर से डरकर भागता नही है।।
जीवन भर जो मौत से लड़ता रहा है।
मौत का डर उसे फिर सताता नही है।।
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