माचिस

0 0
Read Time3 Minute, 34 Second
cropped-cropped-finaltry002-1.png
बहुत वक़्त गुज़रा है, वक़्त को तराशते हुए।
घुप्प अँधेरे में माचिस, तलाशते हुए।।
अब नहीं है वक़्त कि, ख़ुद को शो-पीस बना लें।
अब सही वक़्त है कि ख़ुद को माचिस बना लें।।
ताकि जल सकें मोमबत्तियाँ,जल सकें मशालें।
ताकि लौट जे आ सकें ,फिर से उजालें।।
बहुत ज़रूरी है कि ख़ुद, को माचिस बना लें।।
 
जब तलक आयेगा न कोई ख़ुद को जलाने वाला।
ये अँधेरा संशय का यूँ ही नहीं जाने वाला।
उजालों को अग़र फिर से लाना होगा तो कहीं न कहीं से ख़ुद को जलाना होगा।
अपने अंदर दबे हुए बारूद को खंगालें।
बहुत ज़रूरी है कि ख़ुद को माचिस बना लें।।
 
इससे पहले कि कोई ज़िन्दगी के कोरे पृष्ठों को काले कर दे।
इससे पहले कि कोई दिल,जिगर,ज़ेहन और रूह में छाले कर दे।
इससे पहले कि कोई ख़त्म उजाले कर दे।
इससे पहले कि कोई हमें अपनी हवस के हवाले कर दे।
आओ, उठे और उठकर ऐसे हालात को संभालें।
बहुत ज़रूरी है कि ख़ुद को माचिस बना लें।।
 
इससे पहले कि कोई मासूम-सा ख़्वाब बेवक़्त टूट जाये।
इससे पहले कि कोई बचपन या यौवन लूट जाये।।
इससे पहले कि कोई दर्द उठे कोई चीख़ उठ जाये।
इससे पहले कि कोई दम बेदम होके छूट जाये।
आओ इस भीड़ को चीर कर कोई रास्ता निकालें।
बहुत ज़रूरी है कि ख़ुद को माचिस बना लें।।
 
इससे पहले कि कोई,आँखों के लिए ग़म का पानी लिखे।
इससे पहले कि कोई आंसुओं से कहानी लिखे।
इससे पहले कि कोई ज़हनों में हैरानी लिखे।
इससे पहले कि कोई लुट गई जवानी लिखे।
आओ, अपनी अज़्म को अपनी ताक़त मज़बूत बना लें।
बहुत ज़रूरी है कि ख़ुद को माचिस बना लें।।
 
 #प्रीति कांबले “”बरखा”
परिचय
————
नाम—श्रीमती प्रीति कांबले “”बरखा”
सम्प्रति——1.प्रतिनिधि,”साहित्य कलश”साहित्यिक पत्रिका” पटियाला(पंजाब) 2.उपाध्यक्ष,”सहमत” साहित्यिक व सामाजिक संस्था बालाघाट (म प्र)
प्रकाशन—अनेक संकलनों एवं पत्र पत्रिकाओं में
प्रसारण—आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से
प्रस्तुति—-“बहुत ख़ूब” धमाल ,दबंग चैनल,
कवि समेलनों में काव्य पाठ एवं संचालन
सम्मान—महाकवि शेक्सपियर अंतर्राष्ट्रीय सम्मान,कवियत्री महादेवी वर्मा सम्मान,मातोश्री रमाबाई भीमराव आंबेडकर फेलोशिप अवार्ड,बीसवीं शताब्दी रत्न सम्मान,आधुनिक सुभद्रा कुमारी चौहान ,कटनी रत्न 2008,क्रांति ज्योति सावित्री बाई फुले सम्मान,डॉ लक्ष्मीनारायण दुबे स्मृति सम्मान सहित अनेक सम्मानोपाधियों से अलंकृत….!!!
विधा—-कविता,ग़ज़ल,नज़्म, मुक्तक़,लघुकथा…!!!
प्रकाशनाधिन—मुक्तक़ संग्रह,लघुकथा संग्रह…
पता—-बालाघाट (मध्यप्रदेश)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

‘जन आशीर्वाद’ और ‘पोल खोल’ के जरिए राजपथ की तलाश

Mon Jul 16 , 2018
महाकाल की नगरी उज्जैन में पूजा-अर्चना कर भगवान के आशीर्वाद के साथ “नया मध्यप्रदेश नयी रफ्तार, शिवराज सिंह अबकी बार’ का लक्ष्य सामने रखकर जन आशीर्वाद यात्रा को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया। इसके साथ ही भाजपा ने 2018 की फतह के […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।