गीत

0 0
Read Time2 Minute, 28 Second

nitendra sinh
घटना क्यों हैं घटती घटना,
आज यहा संसार में।
घर बाहर और बीच सड़क पर,
खुद अपने परिवार में।।

मासूमों की लाज लूटते,
मानवता सरमाई हैं।
बलात्कार से पीड़ित बेटी,
मौत के मुंह में समाई हैं।।
जान जानकर जान न पाई,
सच्चाई व्यवहार में।
घर बाहर और बीच सड़क पर,
खुद अपने परिवार में।- 1

कक्षा तीन में पढ़ने वाली,
आठ साल की बच्ची।
गैंगरेप करता हैं मानव,
उम्र अभी तो कच्ची।।
चीखो की चिल्लाहट सुनकर,
शिकार हुई बाजार में।।
घर बाहर और बीच सड़क पर,
खुद अपने परिवार में।। -2

सरस्वती स्कूल था मंदिर,
होनहार वो बेटी।
खून नही हैं उसके अंदर,
हास्पिटल में लेटी।।
पाँच डॉक्टर जान बचाते,
दिव्या हैं पतवार में।।
घर बाहर और बीच सड़क पर,
खुद अपने परिवार में।। -3

बात हमारी मानो भाई,
घड़ी सभी को आसी हैं।
जो करते हैं बलात्कार तो,
सीधे दे दो फांसी हैं।।
भारत का संविधान बदल दो,
क्यों धूल चढ़ी तलवार में।।
घर बाहर और बीच सड़क पर,
खुद अपने परिवार में।। -4

#नीतेन्द्र सिंह परमार ‘भारत’
परिचय : नीतेन्द्र सिंह परमार का उपनाम-भारत है। डी.सी.ए. के बाद वर्तमान में बी.एस-सी.(नर्सिंग) के तृतीय वर्ष की प़ढ़ाई जारी है। आपका जन्म १५ जुलाई १९९५ को बरेठी(जिला छतरपुर, मध्यप्रदेश) में हुआ है। वर्तमान निवास कमला कॉलोनी (छतरपुर)में है। रचनात्मक कार्य में आपके खाते में मुक्तक,गीत,छंद और कविताएं (वीर रस) आदि हैं। शास्त्रीय संगीत एवं गायन में रुचि रखने वाले श्री सिंह मंच संचालन में प्रतिभावान हैं। यह छतरपुर में ही नर्सिंग छात्र संगठन से जुड़े हुए हैं। लेखन और काव्य पाठ के शौकीन नीतेन्द्र सिंह की नजर में समाजसेवा सबसे बड़ा धर्म है, और सबके लिए संदेश भी यही है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उद्यापन

Sat Jul 7 , 2018
देव को कालेज जाते देख भगती ने   कहा, “देव बेटा, तुम्हें याद है ना! आने वाली एकादशी पर उद्यापन करना है.सोचती हूं जितना जल्दी हो सके यह कार्य भी निपटा दूँ. इस बूढ़े शरीर में अब ज्यादा जीने की शक्ति नहीं  रही.”  “ऐसा क्यों कहती हो माँ?  मुझे सब याद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।