साहित्य समाज का दर्पण है यह तो हमें अभी कहना नहीं पड़ेगा । साहित्य जाति धर्म का वाहक है । साहित्य के बिना हम किसी जाति संस्कृति अथवा धर्म को समझ नहीं पायेंगे ।      महान हिंदी साहित्यकार माननीय मुंशी प्रेमचंद जी के कहना है “जिस […]

ये दिन कर्फ्यू के हैं काव्य-संग्रह : स्वाति श्वेता संस्करण : प्रथम 2018 प्रकाशक : भारत पुस्तक भंडार, दिल्ली पृष्ठ संख्या : 100 मूल्य : 250 /- रुपए *********************** संवेदनशील कवियित्री स्वाति श्वेता जी का सद्य प्रकाशित प्रथम काव्य संग्रह जिसमें आपने अपने आसपास नज़र आ रही संवेदन शून्यता को […]

इंटरनेट की दुनिया ने हिंदी या कहे प्रत्येक भाषा के साहित्य और लेखन को जनमानस के करीब और उनकी पहुँच में ला दिया है, इससे रचनाकारों की लोकप्रियता में भी अभिवृद्धि हुई है।  किन्तु इन्ही सब के बाद उनके सृजन की चोरी भी बहुत बड़ी है।  जिन लोगो को लिखना […]

कविता में संवेदना और प्रेम की नदियाँ बहती है | सच्चा कवि-रचनाकार वो है जो किसी भी स्थान या जगा की परवाह किये बिना कविता की रचना करने में ही रस होता है | कितने लोग कविता पढने की टालते है | किसी को कभी कभी कविता सुनने में भी […]

पुस्तक समीक्षा – ” को अहम ” लेखक – अशोक जमनानी प्रकाशक – श्रीरंग प्रकाशन , होशंगाबाद मूल्य – ₹250 /- जिज्ञासाओं के समाधान और कर्मपथ की प्रेरणा देता है , उपन्यास – को अहम साहित्य के क्षेत्र में नर्मदांचल के युवा रचनाकार अशोक जमनानी अब अनजाना नाम नही है। […]

 मन के मनके: काव्य-संग्रह ◾◾◾◾◾◾◾◾◾◾ कवियित्री : डॉ. पुष्पा जोशी संस्करण  : प्रथम, हार्डबाउंड 2018 प्रकाशक : अमृत प्रकाशन, दिल्ली पृष्ठ         : 110 मूल्य       : 250/- रूपये मात्र *************************** कबीरदास जी ने कहा था – माला फेरत जग भया, फिरा न मन का फेर । […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।