नहीं छोड़ पाया अपने खिलौने का मोह वो बालमन, छीना-झपटी करते रहे घण्टों एक-दूसरे के संग। नजर मेरी टकटकी लगाए देख रही थी उनके गुन, सहसा एक किनारे जा खड़ा हुआ वह शिशु खिलौने संग। माँ बुलाती रही बाबू आ जाओ, वह अनसुनी सी करता। मोह था उसे अपने खिलौने […]

में जानती हूँ मैं तुममें ही हूँ कहीं, हाँ मग़र, मुखर नहीं। अंतर में गहरे दबी रहती हैं ज्यों जड़ें और गहरे और गहरे अतल में.. चुपचाप पोसती हैं अंतिम छोर को फिर भी एकाकार होकर भी अभेद्य होकर भी मुखर नहीं..। ———-  #विजयलक्ष्मी जांगिड़ परिचय : विजयलक्ष्मी जांगिड़  जयपुर(राजस्थान)में […]

चोर उचक्के सारे मिलकर, अब सदाचार सिखलाते हैं, भ्रष्ट आचरण करने वाले, नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं। जो सूटकेस के खेल में माहिर, सूट-बूट की करते बात, आतंकियों के हमदर्द देश में, सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं।         —- #डॉ.अ. कीर्तिवर्धन परिचय : अ.कीर्तिवर्धन का जन्म १९५७ में हुआ […]

ए गुलमोहर,तुझे देखकर,यादें ताजा हो आई, तेरी वो तेरी   नाजुक पंखुड़ी, यादें बचपन की ले आई। झुकी डालियों से अनुरक्ति,कैसे बयां करुं  बचपन की, तेरी रक्तिम आभा से  जुड़ गई,स्वर्णिम यादें जीवन  की। सखियों संग हँसते-गाते,कितने  अनजान ज़माने थे, वो नादानी कहती है,बचपन में  हम   कितने  इतराते थे। यौवन की दहलीज न जाने कब लांघी,हमने सकुचाते शरमाते, जाने कब […]

उमड़ घुमड़ के कजरारे,      से मेघा प्यारे आ जाओ। झूम-झूम के  बरसो तुम,  गरज-गरज कर आ जाओ।। प्यासी धरती  बुला रही   उसकी प्यास वुझा जाओ। सूख गए सब ताल-तलैया     उनको आकर भर जाओ।। चल  रहे गर्म  लू के थपेड़े,        उनको ठंडा कर […]

मेरे कंधे पर सिर रखकर सोने लगती जो लड़की, जज्बातों में इतनी आशिक होने लगती जो लड़की, पता नहीं किन स्थितियों में पड़कर मुझको भूल गई, मुझसे बिछुड़ेगी वह कैसे रोने लगती जो लड़की। शब्द अर्थ जज्बात सभी कुछ मुदिता लेकर चली गई, मानस से गीतों गजलों की सरिता लेकर […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।