आरक्षण नाम तो सबने सुना ही होगा एक शब्द छोटा सा है। जो कि दलितों को आगे बढ़ाने में बहुत ही सहायक हैं। आरक्षण किसी का भी पुश्तैनी हक नही है और ना ही विरासत है!     अब सवाल ये उठता है कि आरक्षण का क्या सदुपयोग हो रहा […]

हर जगह बात बात पर राजनीतिक बाते इस तर्ज़ पर तजुर्बा दिखाती हैं कि प्रतीत होता है कि हम सब से बड़ा राजनीतिज्ञ शायद ही कोई हो। हम निर्णय भी लेते है और परिणाम भी घोषित करते है और यहाँ तक कि जो वास्तविक राज्यनीतिज्ञ है वो भी हमसे कम […]

मीडिया से तकलीफ है तो देशव्यापी मीडिया पर रोक लगवाये, मैं आपका साथ दूँगा, पर उससे पहले एक बार मीडिया विहीन जीवन की बस कल्पना मात्र कर लीजिये श्रीमान जी। या अनुभव चाहिए तो एक बार 1947 के पूर्व की पैदाईश अपने दादा-नाना से आजादी के पहले के जीवन के […]

         एक निश्चित भौगोलिक सीमा के भीतर रहनेवाले एक जन-समूह को ही तो हम राष्ट्र कहते हैं, जिनकी एक पहचान होती है और वह समूह आम तौर पर धर्म, इतिहास, नैतिक आचारों या विचारों, मूल्यों आदि में एक समान दृढ़ता रखता है । इसे और भी साफ […]

आजाद देश में आजादी की तलाश अभी भी जारी है। आजादी के पहले गुलामी एक मुसिबत थी, अब आजादी एक आफत गई। बेबसी आज भी हम आजाद देश के गुलाम है। व्यथा सत्ता बदली है व्यवस्था नहीं, स्वाधीन देश में रोटी-कपडा-मकान-सुरक्षा-सुशासन और दवाई-पढाई-कमाई-भलाई-आवाजाई-भाषाई पराधीन होने लगी। यह सब मोहलते, सोहलते […]

15 अगस्त विशेष………….. तीन सालों में तीन सौ से अधिक किसानो ने आत्म हत्याये की है जिनमें उत्तराखण्ड में आत्महत्या करने वाले किसान भी शामिल है। लेकिन किसान को खुशहाली की आजादी दिलाने के बजाए केन्द्र व राज्य की अधिकांश सरकारे सत्ता की कुर्सी बचाये रखने के लिए दलबदल की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।