राजनीति अब इतनी नागवार लगने लगी है कि राजनीति की बाते करने से लोग परेहज लगे है। तभी तो दुकानों में, कार्यालयों में, घरों में तख्ती लटका कर और समूहों में इत्तला देकर सजग किया जाने लगा है कि यहां राजनीति की बातें करना मना है। मना क्यों बात ही […]

समाज से चलने वाले और समाज को चलाने वाले तत्वों का जिक्र करना बिना साहित्य और पत्रकारिता के अधूरा ही माना जाएगा। साहित्य और पत्रकारिता दोनों ही समाज के अंग और संवेदनशील सदस्य है। वस्तुतः दोनों ही समाज के दर्पण है- अन्तर केवल दोनों के कार्यव्यवहार और शैली का है। […]

वैश्विक हिंदी सम्मेलन तथा श्रीमती एम.एम.पी शाह विमेंस कॉलेज ऑफ कॉमर्स एण्ड आर्ट्स के संयुक्त तत्वावधान में मातृभाषा दिवस पर आयोजित वैश्विक संगोष्ठी में बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक डॉ. जवाहर कर्णावट को वैश्विक हिंदी सम्मेलन द्वारा ‘डॉ कामिनी स्मृति वैश्विक हिंदी सेवा सम्मान’ से विभूषित किया गया। मातृभाषा: जन-अधिकार एवं जन-विकास […]

आज के समय में राजनीति ने सब-कुछ अपने हित के अनुसार बाँध रखा है। छोटे से छोटा प्रतिनिधि अपने इच्छा एवं राजनीति के समीकरणों के अनुसार ही फैसले लेता है। प्रत्येक फैसले राजनीतिक लाभ एवं हानि के अनुसार ही किए जाते हैं। क्योंकि, एक छोटा से छोटा नेता अपनी कुर्सी […]

हाल ही में अमेरिका में पी.एच.डी. कर रहे एक तमिल छात्र अब्राहम सैमुअल को हिन्दी न बोल पाने के कारण मुंबई एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था। उसने प्रधान मंत्री, मंत्रियों और राजनेताओं को ट्वीट किया, जिनमें शशि थरूर भी थे। इसी की प्रतिक्रिया में कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने […]

आयो आयो रे वसंत फिर आयो रे खुशियों का संदेश फिर  लायो रे।। वसंत के आते ही मानव मन में  नवीन  चेतना का  संचार  होने लगता  हैऔर  आशाओं के फूल  खिलने  लगते हैअं।शिशिर की शीत से ठिठुरे हुए मन को जब वासंती उष्मा का मृदुल स्पर्श  प्राप्त  होता है तब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।