सदियों से हमारे भारत वर्ष में पत्रों का आदान प्रदान का महत्व रहा है। कई लडाई पत्र के सही समय पर नहीं मिल पाने के कारण हुई। बहुत सारी प्रेम गाथाएं कागज पत्रों पर लिखी गई। पहले राजा महाराजा के यहां बडे़ बड़े नगाड़ों से मुनादी पिटवाया जाता था। और […]
यक़ीनन दहेज़ एक बुरी प्रथा है, जिसके कारण समाज में कई बेटियों को अपना जीवन होम करना पड़ा, इसकी जद में कई परिवार, कई घर आ गए और स्वाह हो गए किन्तु इस व्याप्त बुराई में भी एक अच्छी की किरण किसी को नज़र आई तो वो है पश्चिम बंगाल […]
सन् 2019 लोकसभा चुनाव के जनादेश का सभी राजनैतिक दलों को गहरा अध्ययन करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि वे ऐसा कर भी रहे होंगे। अभी तक जो हमने विश्लेषण किया है, उसमे राजनैतिक दलों के लिए अनेक सन्देश छिपे है, उसे क्रमशः रखने का प्रयास कर […]
दिन दयाल उपाध्याय का जन्म धर्म परायण श्रीमती राम प्यारी और भगवती प्रसाद के यहा 25 सितंबर 1916 में हुआ था, ब्रज भूमि मथुरा जिले के नगला चन्द्र भान गांव में दिन दयाल उपाध्याय के प्रपितामह विख्यात ज्योतिषी पंडित हरिराम उपाध्याय थे, दिन दयाल उपाध्याय का बचपन एक सामान्य […]
नई लोकसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। यह हर्ष का विषय है कि राष्ट्रीयता व देश-प्रेम इन चुनावों में प्रमुखता से उभर कर आए हैं । यह सार्वभौमिक सत्य है कि भाषा-संस्कृति किसी भी देश की राष्ट्रीयता का प्रमुख आधार होते हैं। भाषा के माध्यम से संस्कृति आगे बढ़ती […]
प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरूआत करने जा रहे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी बात कही। उन्होंने उस दुखती हुई रग पर हाथ रखने के प्रबल संकेत दिए जिस पर अबतक देश के किसी भी नेता ने हाथ नहीं रखा था। वास्तव में यदि यह […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।