देश में नई सरकार बन गई, सरकार के आते ही के. कस्तूरीरंगन समिति ने नई शिक्षा नीति का मसौदा सरकार को सौंपा था, इसके तहत नई शिक्षा नीति में तीन भाषा प्रणाली को लागू किया जाना प्रस्तावित हुआ, इसी को लेकर केंद्र के प्रस्ताव पर हंगामा मचना शुरू हो गया […]
भारत की राजनीति में एक बार फिर सियासी जोड़ी का रूप उभरकर देश की जनता के सामने बड़ी ही मजबूती के साथ आया है। यह उस समय की यादों को ताज़ा कर देता है कि जब देश की राजनीति की धुरी पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेई तथा लाल कृष्ण […]
त्रिभाषा-सूत्र के विवाद पर तीन-तीन मंत्रियों को सफाई देनी पड़ी है। उन्होंने कहा है कि यह तो शिक्षा समिति की रपट भर है। यह सरकार की नीति नहीं है। अभी इस पर सांगोपांग विचार होगा, तब यह लागू होगी। क्यों कहना पड़ा, उन्हें ऐसा ? इसलिए कि मोदी सरकार पर […]
मानव जीवन के लिए नींद , शांति , आनन्द , हवा , पानी , प्रकाश और सबसे ज्यादा हमारी सांसे, बेहद जरूरी है क्योंकि इनके बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। अनमोल तो ये हैं ही, पर ये निःशुल्क भी है,यही वजह है कि लोग इसकी अहमियत […]
आजकल मीडियाऔर सोशल मीडिया में चुनावी नतीजों के लेकर जितनी हलचल मची हुई है, उससे कहीं ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी में बीते 30मई 2019 को हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ समारोह में शपथ लेने के लिए ओडिशा में अपनी झोपड़ी से निकलते हुए कमज़ोर से दिखने वाले […]
“पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी” द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन ,2017, 26 , 27, और 28 मई को लेखन मिलन शिविर में मुझे पहली बार शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था । मेघालय राज्य के इतने करीब असम राज्य का निवासी होकर भी मुझे मालूम नहीं था कि हर साल […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।