जन्म व माता पिता का नाम : डॉ सी वी रमन  जी का पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकट रमन था | इनका जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में 7 नवम्बर 1888 को हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर व माता का नाम पार्वती अम्मा था। वो अपने माता-पिता के दूसरे नंबर की संतान थे। उनके पिता चंद्रशेखर […]

सियासत में कुछ भी निर्धारित नहीं होता यह अडिग सत्य है। जिसका मुख्य कारण यह है कि सियासत में जब भी जहाँ भी जैसी आवश्यकता होती है राजनीति उसी अनुसार गतिमान हो जाती है। जी हाँ बिहार की राजनीति ने एक बार फिर से नई करवट ली है जिसकी जिम्मेदारी […]

किसान बिल के विरोध में लगातार दिल्ली की सीमा डटे हुए हैं। जिनकी कई बार सरकार से चर्चा भी हो चुकी लेकिन परिणाम जस के तस बने हुए हैं। क्योंकि न सरकार बिल को वापस लेने के लिए तैयार हो रही और न ही बार्ड़र पर डटे हुए किसान सरकार […]

साहित्यकार रामलाल बीमार हैं, साहित्यकार बीमार होते हैं और नेता अस्वस्थ्य होते हैं । साहित्यकार, बीमारी को सुन्दर शब्दों में अस्वस्थ्य होना भले ही कह देते हों पर वे अस्वस्थ न होकर बीमार ही होते हैं । बीमार आम आदमी होता है खास आदमी तो अस्वस्थ्य ही होते है। साहित्यकार […]

भारतीय भाषाओं को उनका हक दिलाने के लिए 80 के दशक में संघ लोक सेवा आयोग के गेट पर वर्षों तक चलाए गए धरने के अध्यक्ष रहे बलदेव बंशी (1.6.1938-7.1.2018) अपने संघर्ष के लिए हमेशा याद किए जाएंगे. इस आन्दोलन में पुष्पेंद्र चौहान और राजकरण सिंह जैसे योद्धाओं ने अपना […]

स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। ज़रा रुककर सोचिए…। क्या हो रहा है…? इसके पीछे का मकसद क्या है…? यह क्रूरता आखिर क्या चाहती है…? इनको संरक्षण कौन दे रहा है…? इसके पीछे कौन लोग हैं…? यह फंडिग कहाँ से आ रही है…? ऐसे बहुतेरे सवाल हैं जिसका जवाब तो सरलता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।