गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते […]

कलम की सुगंध छंंदशाला के तत्वावधान में पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन कलम की सुगंध छंंदशाला के तत्वावधान में पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में संस्थापक संजय कौशिक विज्ञात, अध्यक्ष-आ• बाबूलाल शर्मा विज्ञ,मुख्य अतिथि- आ• […]

हिंदी साहित्य को समर्पित शहर के चैनल “गुणाधीश” की तृतीय वर्षगांठ के अवसर पर 05 जून 2021 को 16.00 बजे से ऑनलाइन कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ, जिसमें सर्वश्री राजेन्द्र मौर्य, बिलासपुर, सागर खादीवाला, नागपुर, मनीष वाजपेयी, कामठी, राजेन्द्र मेश्राम ‘नील’, बालाघाट, श्रीमती बीना सिंह, भिलाई और श्रीमती अन्नपूर्णा पवार, भाटापारा […]

अंबिकापुर सरगुजा की व्याख्याता, साहित्यकार अनिता मंदिलवार सपना ने हिन्दी साहित्य में एक नए छंद का आविष्कार किया है । आदरणीय गुरूदेव संजय कौशिक विज्ञात जी के मार्गदर्शन में कलम की सुगंध छंदशाला मंच पर पंच परमेश्वर छंद मर्मज्ञों की उपस्थिति में सपना सवैया छंद को मान्यता प्रदान की गयी […]

बहुत ही हर्ष का विषय है कलम की सुगंध छंदशाला मंच पर कलम की सुगंध के संस्थापक गुरूदेव संजय कौशिक विज्ञात के द्वारा विज्ञात सवैया और छंदशाला परिवार से परमजीत सिंह कोविद द्वारा कोविद सवैया नवल छंद निर्माण किया गया जो उनके स्व नाम से जाना जाएगा । आज के […]

कोरोना के आपदाकाल में मानव मात्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान के सेवा सर्वोपरि प्रकल्प द्वारा स्थानीय सब्ज़ी एवं फल बेचनेवाले लोगों को कोरोना सुरक्षा कवच किट वितरीत किए गए। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘संस्थान द्वारा विगत एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।