दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाने वाली इन तीन पुस्तकों में प्रकाशित इन पंक्तियों की गहराई समझें, ‘बुद्ध के विचारों को अगर भारत मानता तो चीन, यूरोप से ज्यादा आगे होताÓ (पुस्तक-बुद्धा चैलेंज टू ब्राह्मनिज्म)। ‘श्रम करके जिंदगी गुजारने वाले लोगों के बीच जाति के आधार पर विवाद रहा। दलित, […]

गुरु ज्ञान का भंडार होता है। शिष्यों का गुरु के प्रति आगाध विश्वास ही सफलता की राह पर ले जाती है।किसी भी देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माता माता-पिता और गुरु ही होते है। हिंसा करना और हिंसा से जवाब देना हर प्राणी को आता है और ये आम बात […]

क्या इसे ‘न्यू इंडिया’ की असली तस्वीर मानें कि बीते 24 महीने में देश की एक और अभिजात संस्था सीबीआई ( सेन्ट्रल ब्यूरो आॅफ इन्वे‍स्टीगेशन) भी गहरे संदेह के दायरे में आ गई है ? संवैधानिक संस्थाअों की विश्वसनीयता में गिरावट और अराजकता की  शुरूआत निर्वाचन आयोग से हुई, जो […]

हमें इस संसार में लाने वाली माँ क्या अपने बच्चों का कभी भी बुरा सोच सकती है क्या / परन्तु हम सब के जीवन में कभी कभी इस तरह के हालात पैदा हो जाते है की हमें उस समय निर्णय करना बहुत ही भरी पड़ जाता है / और हम […]

उप-राष्ट्रपति वैंकय्या ने हिंदी के बारे में ऐसी बात कह दी है, जिसे कहने की हिम्मत महर्षि दयानंद, महात्मा गांधी और डाॅ. राममनोहर लोहिया में ही थी। वैंकय्याजी ने कहा कि ‘‘अंग्रेजी एक भयंकर बीमारी है, जिसे अंग्रेज छोड़ गए हैं।’’ अंग्रेजी का स्थान हिंदी को मिलना चाहिए, जो कि […]

प्रेम के गीत गुनगुनाने वाली मखमली आवाज़, जो जाफरान की तासीर से तरन्नुम बना देगी, कश्यप की घाटी, पानी की नगरी या शंकराचार्य की भूमि के रूप में, लालचौक से क्रांति कहती जमीं हो चाहे, डल झील से टपकते पानी की बात होगी, शिकारों और तैरनेवाले घर (हाउस बोट) की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।