वेलेंटाइन डे, अर्थात निः स्वार्थ प्रेम-दिवस क्या प्रेम जिंदा है समाज में या सिर्फ आकर्षण या हवस तक सिमट कर रह गया।आज हम रोम के क्रूर शासक जो तीसरी शताब्दी में वहाँ  विवाह न करने का आदेश दिया उसके खिलाफ संत वेलेनटाईन ने आवाज उठायी बल्कि कईयो की शादी भी […]

राजनीति में कोई किसी न तो स्थाई विरोधी है और न ही स्थाई हितैषी है। राजनीति का खेल एक ऐसा खेल है जिसमें ह्रदय का प्रयोग कम और मस्तष्कि का प्रयोग अधिक किया जाता है। प्रत्येक राजनेता अपने-अपने राजनीतिक लाभ एवं हानि का आंकलन हमेशा करते रहते हैं। जैसे किसी […]

पुलवामा आत्मघाती हमला, सरहद और संसद दोनों पर ही मानसिक हमला हुआ है, न के घाटी दहल गई बल्कि उसी के साथ भारत की वो पीढ़ी भी दहल रही है जिसके ख्वाबों में सरहद पर जा कर देश सेवा करना आता है, वो भी दहल गए जिनके दिल में राष्ट्र […]

वीभत्स् आतंकी करतूतों से देश एक बार और दहल गया जब पाकिस्तान कहें या आतिंकस्तान की कोख व पनाहगाह में पैदा हुई नापक औलादों ने 14 फरवरी को जम्मू-श्रीनगार हाईवे पर पुलवामा के अवंतिपुरा में केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल के काफिले पर फिदायीन हमला कर दिया। बरबस 44 सैनिक शहीद […]

मातृभाषा का मतलब है कि, माँ से सीखी और बोली जाती भाषा का नाम मातृभाषा है | बालक जन्म के बाद पहली बार जो भाषा बोलता है, वो भाषा अपनी माँ की और उसकी मातृभाषा है | माँ से ही वो मातृभाषा सीखता है | विश्व में ६००० से अधिक […]

भोपाल से फरीदाबाद की यात्रा के दरमियान भारत बने भारत अभियान पर चर्चा के दौरान किसी सहयात्री ने कहा “यह तो सिर्फ नाम बदलने का अभियान है। सिर्फ नाम बदलने से क्या होगा? और नाम से क्या फर्क पड़ता है भारत हो या इंडिया? मेरे लिए यह दिल से मुस्कुराने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।