हाल ही में अमेरिका में पी.एच.डी. कर रहे एक तमिल छात्र अब्राहम सैमुअल को हिन्दी न बोल पाने के कारण मुंबई एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था। उसने प्रधान मंत्री, मंत्रियों और राजनेताओं को ट्वीट किया, जिनमें शशि थरूर भी थे। इसी की प्रतिक्रिया में कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने […]

(वैश्विक हिंदी परिचर्चा भाग – 2) तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए थरूरी आक्षेप पूरी दुनिया में जहां भी लोकतंत्र है, सत्ता की चाह रखने वालों के बीच प्रतिद्वंद्वता, आपसी खींचतान, आरोप- प्रत्यारोप सामान्य बात है। लेकिन यह शोध का विषय है कि क्या भारत के अतिरिक्त भी कोई ऐसा देश […]

धर्म,शिक्षा और साहित्य के लिए विश्वविख्यात देश में आज प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला वेलेंटाइन डे, भारतवर्ष के सभ्यता एवं संस्कृति के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। वर्तमान युवा पीढ़ी अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों से विमुख होते हुए अपने चरित्र का सत्यानाश रोज डे, चाॅकलेट डे, प्रपोज-डे,हग […]

परम्वीर राजा भोज का स्मरण होते ही सत्य, साहस, ज्ञान, कौशल और जलाभिंषेक का बोध होने लगता हैं। सम्यक् कालजयी बनकर भूतो न भविष्यति, राजा भोज यथा दूजा राजा की मीमांसा में राजा-महाराजाओं के देश में राजा भोज राजाओं के राजा कहलाएं। इनके राज में प्रजा को सच्चा न्याय और […]

अज्ञेय की अलंकारधर्मिता के नव्य आयाम….. ये डा प्रभात कुमार प्रभाकर की आलोचना की नई किताब है. ये कहने की कतई ज़रूरत नहीं कि अज्ञेय पर अब तक जितनी भी किताबें  हैं उसमें अलंकार की दृष्टि से उनकी रचनाओं को समझने का यह पहला प्रयास है. ज़ाहिर है रचनाकार ने […]

आज के समय में राजनीति ने सब-कुछ अपने हित के अनुसार बाँध रखा है। छोटे से छोटा प्रतिनिधि अपने इच्छा एवं राजनीति के समीकरणों के अनुसार ही फैसले लेता है। प्रत्येक फैसले राजनीतिक लाभ एवं हानि के अनुसार ही किए जाते हैं। क्योंकि, एक छोटा से छोटा नेता अपनी कुर्सी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।