वाह रे राजनीति तेरे रूप हजार यह सत्य है। क्योंकि, 2019 के चुनाव का परिणाम जो देश की जनता के सामने आया है वह सभी विपक्षी पार्टियों के लिए अब अस्तित्व का प्रश्न बन गया है। क्योंकि, इसबार के लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों ने अनेकों प्रकार के प्रयोग किए […]

अंग्रेजी अखबार ‘मिंट’ में छपे आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के सिर्फ 6 प्रतिशत लोग किसी तरह अंग्रेजी बोल लेते हैं। अंग्रेजी को सिर्फ ढाई लाख लोगों ने अपनी मातृभाषा लिखवाया है। वास्तव में इन ढाई लाख लोगों की माताएं अंग्रेजीभाषी होंगी, इसमें भी मुझे संदेह है। जो […]

निकलना खुल्द से आदम का सुनते आए है ग़ालिब …बहुत बेआबरू होकर तेरे कुचे से हम निकले …ग़ालिब की यह पक्ति रेत में मोती की मानिंद लगती है …जिंदगी की स्लाइस जो मन्त्रो की ध्वनियों में वही स्लाइस इन पंक्तियों में भी पिरोई गई है … प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को […]

वाह! अजब रूप और गजब कहानी। वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। देश की चिंता किसे है आज के समय में यह समझ पाना अत्यंत जटिल हो गया है। इसलिए कि आज देश की सियासी पार्टियां अपना जो रूप दिखा रही हैं वह अत्यंत जटिल एवं मस्तिष्क को चकरा देने […]

यदि भारतीय भाषाओं के नजरिए से लोकसभा चुनाव 2019 को देखा जाए तो इसमें दो बातें महत्वपूर्ण हैं, एक तो यह है कि भारतीय भाषाओं के जरिए लोकसभा चुनाव के दौरान किसने क्या पाया ? और दूसरा यह कि इस चुनाव में भारतीय भाषाओं ने क्या पाया ? या यूं […]

क्या ज़्यादा कीचड़ उछलने के कारण ही ज़्यादा खिला कमल? दरअसल बीजेपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा सत्ता में पुनर्वापसी के कारणों को राजनीतिक पंडित अलग-अलग तरह से समझने की कोशिश कर रहे हैं। जहाँ कुछ  इसका कारण मोदी लहर को मानते हैं, वहीं ऐसे भी कम नहीं हैं, जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।