माॅं की गोदी में एक निष्प्राण देह रखी थी जिसके माथे को वह हौले-हौले सहला रही थी । ‘‘मेरा बेटा……….राजा बेटा………आंखें खोलो बेटा……….’’ । निष्प्राण देह में माॅ के स्पर्श का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था । माॅ ने लोरी गानी शुरू कर दी थी ‘‘उठ जा राजदुलारे………मेरा प्यारा […]

रमाबाई गुजर गईं । इस समाचार को जिसने भी सुना वह ही आश्चर्य में पड़ जाता ‘‘ऐसा कैसे हो सकता है भला……अभी चार-पांच दिन पहिले तक स्कूल में काम कर रही थी वह बीमार भी नहीं थी फिर अचानक कैसे गुजर गई । सभी का आश्चर्य उस समय और बढ़ […]

अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ चुकी थी, परंतु मयंक अपनी पढ़ाई को छोड़ मोबाइल व लैपटॉप पर गेम खेलने में मस्त था | गेम खेलने से समय बचता तो उसे टेलीविजन पर कार्टून, सीरियल देखने में निकाल देता | देर रात तक इलेक्ट्रिक दुनिया में खोया रहकर सुबह देर से जागता, […]

गांव की सरहद पर ही उसने ड्रायवर को गाड़ी रोकने का बोल दिया था । उसकी गाड़ी के रूकते ही साथ वाली अन्य गाड़ियां भी रूकती चली गई थीं । चपरासी ने गाड़ी का दरवाजा खोल दिया था । उसके गाड़ी के नीचे उतरते ही सुरक्षा जवानों ने उसे कव्हर […]

‘‘अब और पैदल नहीं चला जा रहा है माॅ’’ राजू ने जैसे ही अपनी लड़खड़ाती जवान से बोला सरिता के चलते हुए कदम ठिठक गए । इसके पहिले भी राजू उससे दो तीन बार बोल चुका था कि वह थक गया है और उससे चला भी नहीं जा रहा है […]

छुटकी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा था । उसे उधार खरीदकर लाई गई सस्ती लाल साड़ी पहना दी गई थी, जो लोग, मिहिलाल के लिए कफन लेकर आये थे वे ही साथ में लाल साड़ी भी ले आये थे और लाल चूड़ियां भीं । हाथों में चूड़ियां और […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।