माॅं की गोदी में एक निष्प्राण देह रखी थी जिसके माथे को वह हौले-हौले सहला रही थी । ‘‘मेरा बेटा……….राजा बेटा………आंखें खोलो बेटा……….’’ । निष्प्राण देह में माॅ के स्पर्श का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था । माॅ ने लोरी गानी शुरू कर दी थी ‘‘उठ जा राजदुलारे………मेरा प्यारा […]
लघुकथा
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