“यह तुम्हारा रोज़-रोज़ का तमाशा हो गया है। दो दिन आती हो और चार दिन छुट्टी मारती हो…कभी लड़की बीमार है, कभी लड़का और कभी खुद। काम में मन लगता नहीं, बस पैसे चाहिए। मालूम है इस महीने पूरे दो सौ पचास रूपये चढ़ गये हैं। महीना पूरा होने में […]

आज दिन भर आराम करना है।। शिमला की सड़कों पर घूमते रहे। आज सूट बूट भी थोड़े अच्छे वाले पहने है।आज कोई नही कह सकता कि ये पाँचों ईंट रेत और बजरी की ढुलाई करने वाले मजदूर हैं। वैसे भी इन्हें कोई मजदूर कहे तो इन्हे  अच्छा नही लगता। इनको […]

एक बूढ़ा आदमी जिसने सिर्फ धोती पहनी हुई थी, धीरे-धीरे चलता हुआ, महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास पहुंचा। वहां उसने अपनी धोती में बंधा हुआ एक सिक्का निकाला, और जिस तरफ ‘सत्यमेव जयते’ लिखा था, उसे ऊपर कर, सिक्के को महात्मा गांधी के पैरों में रख दिया। अब उसने […]

शिखर शुरू से ही बहुत ही प्रतिभाशाली था l वह बचपन में  गाँव के ही स्कूल में पढ़ता था l उसके शिक्षक उसके कार्यों से सदैव प्रसन्न रहते थे l जब उसने मैट्रिक की परीक्षा दी तब उसके परीक्षा परिणाम से सब अवाक थे कि जिस बच्चे को नब्बे प्रतिशत […]

दीनदयाल ने अपने दोनों बेटे और एक बेटी की पढ़ाई में अपनी पूरी पूँजी झोंक दी, ताकि जो कष्ट उसने उठाया उसके बच्चों को न उठाना पड़े l जब बेटी मात्र दो वर्ष की थी तब उसकी पत्नी का देहांत हो गया था l तब से अब तक वह केवल […]

एक बड़े शहर की पॉश कॉलोनी में बनवारी नाम का सब्जी वाला लगातार सब्जियां बेचने के लिए आता था। वह सब्जी वाला काफी समय से यहां पर सब्जियां दे रहा है और उसका संबंध वहां पर सभी लोगों से बहुत अच्छा है यूं तो बनवारी जो सब्जियां लाता है वह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।