आज विद्यालय आते हीं शोभना की नजरें 26जनवरी की ईंचार्ज मैडम कलावती को ढूँढ रही थी।मैडम कलावती भी शोभना से नजरें चूरा रही थी जैसे उनकी कोई गलती पकड़ ली गई हो। मध्यांतर के बाद आखिर शोभना को मैडम मिल हीं गई।उसने बिना देर किए पूछ दिया-“मैडम बस मुझे इतना […]

आज जिधर देखो राजनीति और राजनेता दोनों का स्तर ऐसे गिर रहा है जैसाकि किसान की फसल आने पर बाजार का भाव।स्वाभिमान की तो बात ही छोड़ दीजिए। एक शास्त्री जी का समय था कि उन्होंने कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। परिवार की जिम्मेदारी हो या देश की […]

  यह पुरानी हवेली उसके लिये यातना गृह से कम नहीं है..मानों किसी बड़े गुनाह के लिये आजीवन कारावास की  कठोर सजा मिली हो ..  ऐसा दंड कि ताउम्र इस बदरंग हवेली के चहारदीवारी के पीछे उस वृद्ध को सिसकते एवं घुटते हुये जीवन व्यतीत करना है..यहाँ से तो उसकी […]

गर्मी का मौसम था, सूरज भी दिन भर अपनी प्रचण्ड किरणें बिखेरता रहता, गर्म-गर्म हवाएँ भी खूब झुलसाने में लगी रहतीं। गर्मी की छुट्टियों में विद्यालय भी एक महीने के लिए बन्द हो चुके थे। मेरी बी0ए0 की परीक्षा भी समाप्त हो चुकी थी, बस परीक्षा-परिणाम आना बाकी था। मेरे […]

हाय सौरभ कैसे हो,कैसा रहा तुम्हारा वेलेंटाइन्स डे.नीति को तुम्हारा दिया तोहफा पसन्द आया कि नहीं?प्रिया की बात सुनकर सौरभ बड़े उखड़े से अन्दाज़ में बोला मुझे क्या होना था ठीक हूँ और वेलेंटाइन्स डे तो मेरे लिए बहुत ख़ास रहा.ताउम्र याद रखूँगा.प्रिया उसके बोलने के अन्दाज़ से समझ गयी […]

आज एक व्यक्ति चिलचिलाती धूप में खूब नाचता, गाता, झूमता, तालियाँ बजाता हुआ उछल-कूद कर रहा था, उसे खुद अपनी सुध-बुध तक न थी। लगभग 40, 50 व्यक्ति और थे, जो उसका साथ पूरी ईमानदारी के साथ दे रहे थे झूमने, नाचने, गाने में धुत होकर। एक बुज़ुर्ग प्रतिष्ठित महिला […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।