आपकी सराहना के कायल हो गये बेशक कैसे कहे आपसे जुदा हो गये है हम ।। दिलसे दिलकी बात पहुँचा आये गैरइरादा दर्दे रूह की दास्तान सूना आये है हम ।। कातिलो की बस्ती में कोई भी अपना नहीं था बाल्टी भर भर खून उठा लाये हम ।। #नालंदा -सतीश […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा