कोयला  कितना  भी  उजला  दिखा ले, पर मन का काला तो काला ही दिखेगा, मकड़े  का  तो काम ही  है  बुनना  जाला, वो तो हमेशा नफरत का जाला ही बुनेगा, गिरगिट से ना उम्मीद करना शराफत की, बात बात में ये नित नए रूप दिखलायेगा। दोमुहे  साँपो  का  कभी  भी  […]

आज भी सजा था मंच सामने थे बैठे असंख्य श्रद्धालु गूंज रही थीं मधुर स्वर लहरियाँ भजनों की आज के सतसंग में आया हुआ था एक बड़ा नेता प्रबंधक लगे थे तौल-मौल में प्रवचन थे वही पुराने कहा गया ‘हम हैं संत’ संतों ने क्या लेना राजनीति से समस्त श्रद्धालुओं […]

सत्य सूर्य सा अड़िग, सुन्दर है जग मर्त्य। मिश्रित यह संसार है,मिलते सत्य असत्य।। . 🌞🌞 ईश्वर ने सृष्टी रची, मानव के सब कृत्य। सृष्टा दृष्टा दुई भये, जग में सत्य असत्य।। . 🌞🌞 धरा सत्य का रूप है,लक्ष्मी जग में मिथ्य। दोनो आवश्यक हुए ,जानो सत्य असत्य।। . 🌞🌞 […]

प्राणों से प्यारा झारखंड है हरा कुदरत की सुन्दरता कूट-कूट कर भरा ऊँचे नीचे खेत टेढे मेढे पगडंडियों से भरा प्राणों से प्यारा झारखंड है हरा। चमक विखेर रहा लाल- लाल पलाश और हरे भरे जंगल ऊँचे लिप्टस और घने काले बादल पहाडियों से भरा प्राणों से प्यारा झारखंड है […]

1.मेरा चाँद निकल आया है,ज़मीं पे रोशनी हो गई उस आसमाँ के चाँद की जरूरत नहीं,इक्तिला करो गर फिर भी है कुछ खुशफहमी उस चाँद को तो मेरे चाँद के पाकीज़ा तबस्सुम से  मुकाबला करो हम दिखाएँगे तुम्हें इन सितारों की सब बदमाशियाँ शाम ढ़लते ही पुरानी गली में हम […]

अभागा न मानो भागोवाली भाग्यवान बहुत है भागोवाली नाजो से पली है भागोवाली फिर पिया घर आई भागोवाली सिर आंखों पर बैठाया उसको दिल से गले लगाया उसको सास ससुर ने भी बिटिया माना पति ने हमेशा कहना माना बच्चो की भी आदर्श बनी वह अपने घर की मालकिन बड़ी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।