थोड़ी शरमाती है,थोड़ी इतराती है…, फिर चोरी चुपके से ख्वाबों में आती हैl दीदार हुआ जबसे उन जालिम नजरों का…, वो चैन से सोती है,मुझे नींद न आती है। कमर को छूती है जब,लट उसकी काली…, नागिन डर के मारे घूंघट में छुपती है। नवयौवना की यारों हर बात […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
नित उठ प्रातः कीजिए,पैदल.. पैदल लम्बी सैर। नदी निकट यदि बह रही,तैर.. सको तो तैरll सन्ध्या वन्दन कीजिए,अनु.. दिन प्राणायाम। जितना सम्भव हो सके,शुरू.. करो व्यायामll जो जन करते नित्य हैं,प्रातकाल.. उठ योग। स्वस्थ,सबल,दीर्घायु हो,रहते.. सदा निरोगll योग भगाता रोग है,कांतिवान.. मुख तेज। स्वस्थ,सबल बनना चाहो,खान.. पान […]