समाज को खेमों में बांटकर निजी स्वार्थों की पूर्ति में लगे लोगों की दुनिया में कमी नहीं है। कभी जीवन शैली के नाम पर तो कभी मान्यताओं का बहाना लेकर, कभी लालच को हथियार बनाकर तो कभी धार्मिक उन्माद फैलाकर अहम् की पूर्ति के उदाहरणों से इतिहास भरा पडा है। […]
