बेटी जब पैदा नहीं होगी,तब बहू कहाँ से लाओगे ? बहु जब घर नहीं आयेगी,तब परिवार कैसे बढाओगे ? आज की बेटी कल बहू बनेगी, सारी सृष्टि इसी तरह चलेगी | बेटा और बेटी है दोनों जरुरी, वर्ना सृष्टि हो जायेगी अधूरी || भाई को बहन कहाँ से मिलेगी,जब बेटी […]

ज़रुरत के हिसाब से अब साथ चलते हैं लोग..! आजकल बेसबब कब किससे मिलते हैं लोग..! वो दौर ओर था चेहरे हाल-ए-दिल बताते थे..! अब तो एक चेहरे पे क‌ई चेहरे रखते हैं लोग..! वो जो कसमें खाते हैं ताउम्र साथ निभाने की..! वो मुसीबत आने पर हाथ छोड़ निकलते […]

ज्ञान और ध्यान का, हो जाये यदि मिलन। सार्थिक हो जाएगा, तुम्हारा ये जीवन। ऐसा में नही कहता, कह रहे सारे विद्दमान। अब तुम्हे ही करना है, अपने जीवन का फैसला।। मन तुम्हारा क्या कहता, जान लो तुम सोचकर। करना क्या आगे तुम्हें, खुद तुम ही सोच लो। अपनी करनी […]

ऐसे ही मन से निखर-निखर ऐसे ही शब्दों को पकड़-पकड़, ऐसे ही प्यार में उछल-उछल गीता का अंश हुआ प्रकट। युद्धों के अक्षुण्ण जज्बात लिए शान्ति की दीर्घ पुकार लिए, मन मानव का जो बिखर गया गीता में आकर ठहर गया। पग-पग पर जो लिखा हुआ भू-भागों में बंटा हुआ, […]

चाचा नेहरू अब आ भी आओ हमको अच्छे खिलौने दिलाओ समय अब बहुत बदल गया है बच्चों का भी खेल बदल गया है गिल्ली डंडा ,कबड्डी नही रहे अब कुश्ती,खो खो इतिहास हो गए अब सब पर क्रिकेट का जुनून सवार है मोबाईल खेल का बड़ा हथियार है सांप सीडी […]

कार्यक्रम संयोजक नवीन कुमार भट्ट नीर ने बताया कि साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा फेसबुक पटल पर 25 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2019 तक “एक खत हिंदी के उत्थान पर” साहित्य संगम के नाम पत्र लिखकर कार्यक्रम को सफल बनाने वाले प्रतिभागियों को हिंदी साधक सम्मान से नवाजा गया है।ज्ञातव्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।