ब्रह्माकुमारी संस्था दे रही हिंदी भाषा को अधिमान ईश्वरीय संदेश रुप में मुरली मुखरित माध्यम हिंदी महान दुनियाभर के 140 देशों में हिंदी पहुंचती इसी से जान सबके जन्म की भाषा हिंदी हर्षित ध्वनि में हिंदी का भान परमात्म धरा भारत भूमि पर हिंदी का ही हो गुणगान क्षेत्रीय भाषाएं […]

आज सुबह मोबाईल से लगातार मेसेज की ट्रीन-ट्रीन आने लगी तो अलार्म से पहले ही नींद खुल गई। पता चला आज तो होली का त्यौहार है। इस भागती-दौडती जिन्दगी में मोबाईल और टी.वी से ही तो सब पता चलता है।अखबार आ चुका था ।उठाते ही मेरे हाथ रंगीन हो गए।अखबार […]

हिसार | नवोदित लेखकों को मंच प्रदान कराने के उद्देश्य से पिछले इक्कीस साल से चलाए जा रहे मासिक काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर की प्रमुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था प्रेरणा परिवार की फरवरी माह की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय टाऊन पार्क मे संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ की अध्यक्षता […]

आदरणीयों मजाक मजाक में अंतर होता है।एक में मजाक किया जाता है और दूसरे में मजाक उड़ाया जाता है।जैसे लंगड़े को लंगड़ा कह कर, गंजे को गंजा, काने को काना, गूंगे को गूंगा, कम सुनाई देने वाले को बहरा और पागल को पागल कह कर मजाक उड़ाना शामल है।इसमें यदि […]

बिहारी बोलियों के अंतर्गत मुख्यतः तीन बोलियों को रखा जाता है, मैथिली, मगही, और भोजपुरी. इसमें मैथिली का छेत्र ज़्यादा बड़ा है. ये बिहार के कई ज़िलों दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, बेगूसराय आदि की मातृभाषा है. मुज़फ़्फ़रपुर से नेपाल की सीमा तक इसे पढ़ी बोली और समझी जाती है. भाषा का […]

राजनीति का चलता खेल देखिए स्वार्थ का कैसा घालमेल देखिए। शान्त कर देते हैं ये अशान्त, मित्रों इनका चल रहा ऐसा रोल देखिए। दशकों से रोज ही गिरती नीतियां वहां कोई न इनका शत्रु रीति देखिए। सत्ता हित सब त्याग प्रीत हो जाती कब रुकेगी दिल्ली भयभीत देखिए। भाई चारे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।