बिन मौसम आज ये बरसात कैसी। बिन बुलाए आज ये मुलाकात कैसी।। रहा सिलसिला गैरो जैसा मुझसे। फिर मेरे साथ ये शराफत कैसी।। अभी तो आंखे चार नहीं मुझसे। फिर अभी से ये शरारत कैसी।। किए सभी काम तुम्हारी मर्जी से। फिर मेरे साथ ये खिलाफत कैसी। देखें थे रात […]

नो माह की गर्भवती एक मां खत्म हो चुकी रोजी समेटकर अपने अंदर के हौंसले को जोड़कर सिर पर ग्रहस्थी का गठ्ठर लिए कोख में भूख से तड़प रहे बच्चे के नवजीवन की आस लिए लौट चली थी उस अतीत की ओर जहां से कभी वह आई थी रोजगार के […]

घाव ढाल बन रहे . स्वप्न साज बह गये। . पीत वर्ण पात हो . चूमते विरह गये।। काल के कपाल पर . बैठ गीत रच रहा . प्राण के अकाल कवि . सुकाल को पच रहा . सुन विनाश गान खग रोम की तरह गये। पीत वर्ण……….।। फूल शूल […]

न मैं चल ही सका, न मैं रो ही सका। जिंदगी को मानो, व्यार्थ ही गमा दिया। तभी तो तन्हा जीता हूँ। और आज भी, प्यार लिए तरसता हूँ। पर प्यार करने वाला, कोई भी साथ नही आया। इसलिए तन्हा जिंदगी आज तक जी रहा हूँ।। बहुत ही जला हूँ, […]

लिखता इमारतों के आसमानी गुरूर की इबारत लुटा दी, जिसके लिए देहातों ने अपनी अल्हड़ यौवन की पूंजी ले सतरंगी सपनों की झिलमिल जो आए थे माया के नगरों में बुझ गई, उम्मीदों की मशालें तमाम बचे अंगारों की राख, करते नीलाम, गुलामी के बाजारों में तड़पते, बिलखते, भूखे बचपन […]

एक पार्टी ने बसे भेजी दूसरी ने रोक लगाई पैदल चल रहे मजदूरों पर किसी को भी दया नही आई श्रेय किसको मिल रहा है यह विचार छोड़ देते जो सेवा को आगे आ रहा उसकी ही सेवायें ले लेते राजनीति से पहले मानव धर्म है काश!यह समझ लेते भूखे,थके […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।