वो सफ़र में मिला नही होता। दर्द मेरा हरा नही होता। ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नही होता। दौलत ही चीज़ ऐसी होती हैं। क्या इंसां में नशा नही होता। दूर नज़रों से मेरा हमसफ़र हैं। क़ाश मुझसे ख़फ़ा नही होता। आसमाँ में ग़र आशियाँ होता। इस […]
तृष्णा और छल-छदम् मिटाओ | प्रेमभाव अपने हृदय में जगाओ || शुष्क मन को पुष्प सा खिलाओ | राग द्वेष से सब द्वन्द भगाओ || छोटी हो या बड़ी बाधा से मत घबराओ | भर साहस हर बाधा से तुम लड़ जाओ || सदाचार अपनाकर नित आगे बढ़ते जाओ | […]
पेट न होता तो ये भूख ना होती, आंखे न होती तो ये शर्म ना होती। अगर ये भगवान ना बनाए होते, किसी से किसी की बात ना होती।। आंखे न होती तो ये आंसू ना होते, दिल न होता तो ये दर्द ना होता। अगर ये भगवान ना बनाए […]
कुशीनगर की यात्रा केवल भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण स्थल का भ्रमण नहीं बल्कि जन्म और मृत्यु के बीच जीवन यात्रा के उद्देश्य और अभीष्ट को जानने समझने का एक मार्ग है। भगवान बुद्ध के जन्म, बोधिसत्व की प्राप्ति और उनके महापरिनिर्वाण से जुड़े स्थलों को देखने की इच्छा बचपन से […]
आज के मध्यप्रदेश के जबलपुर क्षेत्र को 15 वी शताब्दी में गोंडवाना राज्य के नाम से जाना जाता था, यहां गोंड भील वंश का शासन था। वे बड़े बहादुर, योद्धा, पराक्रमी हुआ करते थे। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा में चंदेल वंश में एक बेटी का जन्म होता […]
एक दिन ही क्यों याद करें प्रतिदिन पिता का सम्मान करें निमित्त वही हमारे अवतरण का निमित्त वही हमारे पोषण का छींक अगर हमें आ जाती है धड़कन पिता की बढ़ जाती है हमारे चेहरे पर मुस्कान के लिए उनकी कमर सवारी बन जाती है शरीर छोड़कर चले जाने पर […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।