सड़क सब सुनसान पड़ी है, हर दरवाजे पर मौत खड़ी है। हर इंसान अब परेशान है, सबको अपनी अपनी पड़ी है।। श्मशान में अब जगह नहीं है, वहां पर भी लाईन लगी है। कैसे जलाए इन सभी शवों को, लकड़ी की भी कमी पड़ी है।। अस्तपतालों में भीड़ लगी है, […]
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इंदौर। सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा गुरुवार को डिजिटल परिचर्चा ‘रसानुभूति’ का आयोजन किया गया जिसमें भोपाल के वरिष्ठ साहित्यकार मनोज जैन मधुर एवं मुम्बई के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. महेन्द्र जैन मुकुर बतौर वक्ता सम्मिलित हुए, परिचर्चा का संचालन भोपाल दूरदर्शन के एंकर व संपादक अंकुर शास्त्री […]
