ग्लोबल वार्मिंग ने कर दिया नाश मेरा रुप और काया का हो गया सत्यानाश। धूल प्रदूषण और कोहरे से मन घबराया, ग्लोबल वार्मिंग ने प्रदूषण में नाम कमाया। तिनका तिनका मेरी रूह का कांप उठा, जहर जब उगले वैश्विक ताप और बढ़े कुंठा। पेड़ पौधे हैं मुरझाए, सृष्टि रोए अपने […]

प्रो. जोगा सिंह वास्तव में हिन्दी के योद्धा नहीं है. उनकी मातृभाषा पंजाबी है. वे मातृभाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने अपने जीवन का यही मिशन बना लिया है. यदि ऐसा होता है तो देश के 99 प्रतिशत विद्यार्थियों को फायदा होगा, उन […]

इंदौर। लॉक डाउन काल के दौरान जनमानस को अवसाद से मुक्त करने की दिशा में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा एक युद्ध अवसाद के विरुद्ध चलाया गया, जिसके अंतर्गत कवि मुकेश मोलवा एवं कवि हिमान्शु भावसार हिन्द के फेसबुक पृष्ठ से लाइव कवि सम्मेलन आयोजित किए गए। इस दौरान कवि सम्मेलन […]

किया सरेंडर विकास ने,महाकाल के मंदिर में। काल न बचा सका,जब महाकाल था अन्दर में।। बुलाया था महाकाल ने उसको,केवल पकड़वाने को। महाकाल बना है केवल,ऐसे दरिंदो को मरवाने को।। महाकाल ने ही किया न्याय,जो कर सके न न्यायलय। इसलिए महाकाल कहलाता है,न्याय का शिवालय।। जो करता है सच्चे मन […]

अहिंसा पर हिंसा भारी कैसी हो गई ये लाचारी खाकी में भी गद्दार छिपे बदमाशों से ही जा मिले दगा कर निर्दोष मरवाये अपराधी मौके से भगाये बाड़ खेत को खा रही है हिंसा फ़सल लहला रही है दल भी, दल दल में फंसे ‘विकास ‘जैसे उनके सगे कैसे हो […]

कोई गीता समझता है कोई कुरआन पढ़ता है मगर ईश्वर की महिमा को नहीं नादाँ समझता है। वो तेरे पास ऐसे है, हृदय में श्वास जैसे है जो उनका बन ही जाता है, ये बस वो ही समझता है। कोई गीता समझता है कोई कुरआन पढता है, मगर ईश्वर की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।