सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति से आधारभूत परिवर्तन किए गए। केवल रटी हुई शिक्षा प्रणाली को बंद करके अब ज्ञान अर्जित करने और स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जा रहा है। सामान्य रूप से आज भी 10 वी पास करने वाले विद्यार्थी को यह ज्ञान नही होता था कि उसे […]

01 सावन आए बादल उमड़ के बरखा लाए। 02 डाली के झूले बनते इतिहास अब सावन। 03 खिल जाता है साजन का साथ पा हाथों का रंग। 04 मोर नांचते कोयल है बांचती घर मेंहदी। शशांक मिश्र भारती (शाहजहांपुर) Post Views: 27

अलगू,धनिया,होरी प्रेमचंद के किरदार ईदगाह, गुलीडण्डा याद आ गया गोदान दो बैलो की जोड़ी से लमही बन गई महान जन्म भूमि देख मुंशी की मन मेरा हर्षित हुआ प्रेमचन्द का प्रेम वहां कलम हिलोरे ले वहां माथे रज लगा लमही की जीवन धन्य हुआ मेरा साहित्य सम्राट के गांव मे […]

आज भी प्रेमचंद (31.7.1880-8.10.1936) सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले हिन्दी के लेखकों में हैं. बड़े-बड़े विद्वानों के निजी पुस्तकालयों से लेकर रेलवे स्टेशनों के बुक स्टाल तक प्रेमचंद की किताबें मिल जाती है. प्रेमचंद की इस लोकप्रियता का एक कारण उनकी सहज सरल भाषा भी है. किन्तु मुझे यह देखकर […]

फलां ने अपने समुदाय के भले का हवाला देकर दूसरे समुदाय वालों को खूब गालियां दीं। दूसरे समुदाय वालों ने भी खूब मजमा काटा बस्तियां जलीं नौकरियां गईं बहिष्कार हुआ और, और भी बहुत कुछ हुआ जो नहीं होना चाहिए था पर हो भी वही सकता था। तब फलाँ ने […]

हिंदी गद्य साहित्य का जब भी नाम लिया जाता है तो प्रमुख रूप से प्रेमचंद का नाम अवश्य आता है । युगप्रवर्तक साहित्यकार प्रेमचंद पर बहुत कुछ लिखा गया है और लिखा भी जा रहा है, इस बीच डॉ दशरथ मसानिया ने प्रेमचंद पर चालीसा लिख कर उन्हें एक सच्ची […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।