क्योंकि मैं पुरूष हूँ तो मुझे हक़ है स्त्रियों पे लांछन लगाने का उन्हें मारने का उन्हें सताने का उन्हें हथियाने का उनके शोषण का और वो सब करने का जिससे उन्हें नीचा दिखा सकूँ। कारण है कि उनके जैसा कोई महान कृत्य मैं नहीं कर सकता । कोई सुन्दरता […]

मेरी प्यारी-प्यारी नानी माँ, जग से न्यारी नानी माँ। जब भी मैं मायूस होता, घबरा जाती नानी माँ।। गले लगाकर मुझे मनाती, प्यार से समझाती नानी माँ। छुट्टी में मुझे बाहर ले जाती, खूब खिलौने दिलाती नानी माँ।। मेरी तबियत खराब हो जाये तो, विचलित हो जाती नानी माँ। जबतक […]

भाई बहिन का बंधन, जिसको कहते रक्षाबंधन। स्नेह प्यार से बंधा रहे, भाई बहिन का रिश्ता। इसलिए तो आता है, हर साल ये रक्षा बंधन। बहिना सबसे मिलती है, मायके में इसदिन आकर। दिल सबके खिल उठाते है, बहिना से जो मिलकर। भागम भाग की जिंदगी से, मिल नही पाता […]

कोरोना काल में बदला त्यौहारों का स्वरुप रिश्ते – नाते बदले , बदली छांव और धूप । गूगल मीट पर बांंध दिया बहन ने रक्षासूत्र आश्चर्य चकित रह गया भाई देख नया रुप ।। ऑनलाइन नजर उतारती बहना बला हो दूर दीर्घायु हो मेरा भैय्या , स्नेह बना रहें भरपूर […]

शारद सुत को नमन करुं, कीना जग परकाश। सूर अनामी गीतिका, परिमल तुलसीदास। अणिमा बेला अर्चना, चमेली अरु सरोज। गीत कुंज आराधना, सूरकांत की खोज।। हिन्दी कविता छंद निराला। सूर्यकांत भाषा मतवाला।।1 बंग भूमि महिषादल भाई । मेंदनपुर मंडल कहलाई।।2 पंडित राम सहाय तिवारी। राज सिपाही अल्प पगारी।3 इक्किस फरवरी […]

क्या करे तुम्हारे घर आकर हम, अब तो याद नहीं करते हमे तुम। हम सदा आते थे,जब कभी बुलाते थे तुम, अब बुलाना छोड़ दिया,अब आए क्यो हम। याद करते रहते है हम ये जानते हो तुम, हिचकियां आती रहती है ये जानते है हम। ये मेरा घर नहीं है,तुम्हारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।