जो सबके होते हैं वो किसी के नहीं होते लोग दिखते हैं जैसे अक्सर वैसे नहीं होते मेरे जैसे दिलफेंक भी होते हैं कुछ शायर ग़ज़ल लिखने वाले सब दिलजले नहीं होते इब्तिदा-ए-इश्क़ में होते हैं वैसे आशिक़ जिनके ख़त आँसुओं से भींगे नहीं होते आज जिनको प्यार है तुझसे […]

किसान का आटा प्यार का पानी। नमक है बीबी का यारो बहुत प्यार। इन सब के मिलने से रोटी का मिश्रण बन जाता। और चकले बेलन से खेलकर कहले तवा पर सिक जाती है। और पेट की भूख मिटाने के लिए रोटी बन जाती।। बड़ा अजीब किसका इस रोटी का […]

अब नहीं होता आहत चिंतित व्यथित, बिचलीत आतंकित आशंकित अचंभित या किसी भी कारण से क्रोधित। क्योंकि अब हो गया हूँ मैं जीत जागता महात्मा जैसे कोई मृतात्मा। -अजय प्रसाद Post Views: 33

करे सम्मान वरिष्ठ नागरिकों का, करे उनका हम सब ध्यान। मिलेगा उनका आशीष तुमको, और मिलेगा उनका तुमको ज्ञान।। धरोहर हैं वे हम सबकी, और तुम्हारी वे पहचान। एक दिन तुम भी बनोगे, उनकी अद्भुत अनोखी शान।। निवेदन है अपनी सरकार से, करे वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान आय कर से […]

एक जमाने में रांची को पागलों की रांची के नाम से जाना जाता था। शहर में अगर किसी दुकानदार या ग्राहक के बीच खरीदारी को लेकर विवाद छिड़ जाता तो वे एक-दूसरे को कहते-तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है। कांके में जाकर इलाज कराओ। रांची का मतलब कांके पागलखाना हुआ […]

हे परमपिता परमात्मा मैं हूं तेरी सन्तान आत्मा पिता भी तू है ,सखा भी तू है सृष्टा भी तू है ,द्रष्टा भी तू है आंनद भी तू,परमानन्द भी तू सुख सागर तू ,महासागर भी तू कल्याणकारी तू, हितकारी तू भोला भंडारी तू ,त्रिशूलधारी तू अजन्मा है तू ,अविनाशी है तू […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।