कभी अपने लिए भी समय संभाल कर रख कभी स्वयं से स्वयं का संवाद तो करके रख किस लिए आया यहां आखिर में जाना कहां कौन है नियंता तेरा तहकीकात करके रख, हवा,पानी,भोजन मिला तुझे ही नही सबको मिला कौन है यह सब देने वाला उसे खोजकर तो रख उससे […]
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विघ्नहर्ता,शुभकर्ता हो तुम मोदकप्रिय गणनायक हो तुम सबसे पहले होती पूजा तुम्हारी ऐसे गणेश अधिनायक हो तुम माता- पिता का मान बढाया परिक्रमा कर विजय को पाया देव रूप में है कीर्ति तुम्हारी शंकर-पार्वती के हो उत्तराधिकारी सद्गुण सम्पन्न गणवेश तुम्हारा कार्तिकेय से पहले नाम तुम्हारा मनोकामना पूर्ण करते हो […]
