मोहब्बत सूरत से नहीं होती है। मोहब्बत तो दिल से होती है। सूरत खुद प्यारी लगने लगती है। कद्र जिन की दिल में होती है।। मुझे आदत नहीं कही रुकने की। लेकिन जब से तुम मुझे मिले हो। दिल कही और ठहरता नहीं है। दिल धड़कता है बस आपके लिए।। […]

जीवन में प्यारी निंदिया , श्रृंगार में न्यारी बिंदिया । अंखियों में छाए निंदिया , माथे पे साजे बिंदियां । दोनों करती खूब कमाल , करती दोनों खूब धमाल। दोनों बड़ी हैं बेमिसाल, खूबसूरती से मालामाल। अखियां सूनी निंदिया बिन, श्रृंगार है सूना बिंदिया बिन। जब साथ ना दे तन […]

आओ भारत को आत्मनिर्भर बनाए, हर दृष्टि से इसे शक्तिशाली बनाए, जों इसके विकास में रोड़ा अटकाए, उसे हर तरीके से हम उसे समझाए। आओ भारत को ऐसा देश बनाए, सुंदर,सजग,सशक्त व सरल बनाए, जो देखे इस देश को कुदृष्टि से, उसको सब मिलकर दृष्टिहीन बनाए। आओ हिंदी को सबकी […]

मन हावी जब हो जाता है विकार घर कर जाता है घुण बन स्वयं को खाता शांति फिर कभी न पाता काम,क्रोध हावी हो जाते मोह,लोभ छुट न पाते अहंकार भी डेरा जमाता बुद्धि भी हर ले जाता मन पर अपने नियंत्रण करो जो अच्छा हो वही करो विकारमुक्त हो […]

हिंदी करे पुकार मैं सिंचित मन की रानी हूं मैं आर्यावर्त विश्व रंग-मंच की सियानी हूं …क्योंकि मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं मैं सिंचित मन की रानी हूं मैं जन्मी हूं प्राकृत अपभ्रंश से सातवीं आठवीं सदी में गद्य ने किया है गुलजार आह्लादित हुआ सारा हिंदुस्तान …क्योंकि मैं […]

15 अगस्त 1947 को आज़ाद भारत सपने देख रहा था । अपने नव निर्माण का निर्मित करना चाहता था ।विश्व स्तरीय कीर्तिमान अपने विकास का हजारों सालों की गुलामी के अंधेरों से निकलकर अपने स्वछंद आकाश में उड़कर पंछी की भाँति आजादी को अपने पंखों की उड़ान से महसूस करना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।