मैं हिंदी हूं

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हिंदी करे पुकार मैं सिंचित मन की रानी हूं मैं आर्यावर्त विश्व रंग-मंच की सियानी हूं …क्योंकि मैं हिंदी हूं

मैं हिंदी हूं मैं सिंचित मन की रानी हूं मैं जन्मी हूं प्राकृत अपभ्रंश से सातवीं आठवीं सदी में गद्य ने किया है गुलजार आह्लादित हुआ सारा हिंदुस्तान …क्योंकि मैं हिंदी हूं

मैं हिंदी हूं मैं सिंचित मन की रानी हूं मैं दोहा रूप नीति उपदेश कवि श्रृंगार शौर्य पराक्रम है मेरे रूपक अलंकार …क्योंकि मैं हिंदी हूं

मैं हिंदी हूं मैं सिंचित मन की रानी हूं मैं भारत भूमि की आजादी की कहानी हूं जय घोष शंखनाद निकला मेरे मुख से छिन्न-भिन्न हुए समस्त उपनिवेश बस यही आगे व्यक्त करती हूं… क्योंकि मैं हिंदी हूं

मैं हिंदी हूं मैं सिंचित मन की रानी हूं मैंने लड़ी है हुकूमत से लड़ाई आजाद नारों से भागे हैं लाखों अंग्रेज प्रभावों से राजभाषा बनी बन न सकी हूं राष्ट्रभाषा …क्योंकि मैं हिंदी हूं

मैं हिंदी हूं मैं सिंचित मन की रानी हूं मैंने किया है 21वी. सदी का सारा संगणक युग आह्लादित गूगल इंस्टाग्राम व्हाट्सएप फेसबुक में हूं रची बसी …क्योंकि मैं हिंदी हूं

मैं हिंदी हूं मैं सिंचित मन की रानी हूं मैंने किया है सारा जग हिंदी मय हिंदी हिंदी करे सब पुकार घर-घर में बहे अब की हिंदी की रसधार क्योंकि मैं हिंदी हूं

जय हिंदी
ठाकुर तारा
हिमाचल

matruadmin

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मन

Thu Sep 3 , 2020
मन हावी जब हो जाता है विकार घर कर जाता है घुण बन स्वयं को खाता शांति फिर कभी न पाता काम,क्रोध हावी हो जाते मोह,लोभ छुट न पाते अहंकार भी डेरा जमाता बुद्धि भी हर ले जाता मन पर अपने नियंत्रण करो जो अच्छा हो वही करो विकारमुक्त हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।