भारतीय राजभाषा विकास संस्थान देहरादून (उत्तराखंड) ने आगर मालवा के साहित्यकार डॉ दशरथ मसानिया को हिंदी के उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘हिंदी रत्न’ उपाधि से सम्मानित किया है। इस अवसर समिति ने भारतीय नरेशों की हिन्दी सेवा ग्रंथ भीभेंट किया है ।उल्लेखनीय डा मसानिया ने विगत 20 वर्षों से हिंदी […]

न दिल मेरा लगता है न मन मेरा लगता है। हुआ है जब से इश्क सब बेकार लगता है। इसलिए तो इश्क एक बहुत बड़ा रोग होता है। जिसे लग जाये वो सदा बीमार रहता है।। जमाने में हमने बहुत आशिक और दीवाने देखे। जो बस एक ही धुनी रमाते […]

प्रकर्ति और परमात्मा इन्ही से है जीवात्मा दोनो को याद रखना दोनो का ध्यान रखना जीवन आधार यही है संसार का सार यही है प्रकृतिमय होकर रहो परमात्म याद करते रहो जीवन सरल हो जाएगा सुख भी भरपूर पाएगा छोड़ो कंक्रीट का जंगल प्रकृति करेगी सब मंगल नीम के पेड़ […]

भारत सरकार को हिंदी दिवस मनाते-मनाते 70 साल हो गए लेकिन कोई हमें बताए कि सरकारी काम-काज या जन-जीवन में हिंदी क्या एक कदम भी आगे बढ़ी? इसका मूल कारण यह है कि हमारे नेता नौकरशाहों के नौकर हैं। वे दावा करते हैं कि वे जनता के नौकर हैं। चुनावों […]

जिंदगी एक किराए का मकान है ,उसमें बसने वाले हर पराए का नाम है। मां -बाप भी आधे वक्त तक साथ रहते हैं,बाकी के लिए किसी और को हमारा बनाए रहते हैं। कुछ पल भर में ही अपने बन जाते हैं ,और कुछ जीवन भर पराए ही रह जाते हैं। […]

वक्त आसूँ भी दे तो मुस्कुराना तुम गमों की चादर में कभी न रातें बिताना तुम मोहब्बत होती है निभाने से अच्छी हो सके तो उम्रभर ये बातें सबको बताना तुम जो चाहे दिल से तुम्हे भले दुनिया कुछ भी कहे उससे कभी न दूर जाना तुम हाँ नाराज जरा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।