पिछली शताब्दी के सातवें दशक में श्री व्ही. शांताराम जी की एक फिल्म आई थी- ‘गीत गाया पत्थरों ने’। यह फिल्म एक मूर्तिकार की प्रेमगाथा पर आधारित थी कि किस प्रकार उसका प्रेम उसकी बनाई मूर्तियों में उजागर होता था। लगभग वही अंदाज ईँट और गारे से साहित्य  उपजाते हुए […]

कवि मुकेश मोलवा द्वारा रचित गौ ग्रंथ ‘धेनु ही धर्म’ विमोचित इंदौर। ‘जब कवियों का काव्य, ऋषियों का ऋष्य, वीरों की वीरता का सम्पूर्ण रस समाहित होता है, तब जाकर ग्रंथ का सृजन होता है। आज ऐसे ‘धेनु ही धर्म’ ग्रंथ का विमोचन कर प्रसन्नचित्त हूँ। यह ग्रन्थ अद्भुत एवं […]

मैं हूं छोटी सी ,छोटी सी ख्वाहिश, खूब पढ़ने और लिखने की ख्वाहिश । चांद तारों से मिलने की ख्वाहिश, बनके तितली सी उड़ने की ख्वाहिश। मैं हूं छोटी सी ……… सरिता सी कल कल बहने की ख्वाहिश, मेघों के जैसे बरसने की ख्वाहिश। फूलों के जैसे महकने की ख्वाहिश, […]

रिश्तो का बंधन कही छूट न जाये। और डोर रिश्तों की कही टूट न जाये। रिश्ते होते है बहुत जीवन में अनमोल। इसलिए रिश्तो को हृदय में सजा के रखे।। बदल जाए परिस्थितियां भले ही जिंदगी में। थाम के रखना डोर अपने रिश्तों की। पैसा तो आता जाता है सबके […]

नारी ने नर को जन्म दिया नर ने उसे है बाजार दिया जिस नारी ने नर को पाला है उस नर ने उस पर अत्याचार किया।। समय अब बदल रहा है नारी अब बदल रही हैं वह अपने अधिकारों को काफी अब समझ रही हैं।। पहले नारी अशिक्षित थी अब […]

अमनो अमन बेचे कुछ गद्दार बन गए तलवे चाटते रहें और हिस्सेदार बन गए ओढ़ रखा है समाजसेवक का लिबास खलनायक भी नायक के किरदार बन गए जुबाँ में नहीं उनके गालियों के सिवा कुछ पास उनके जरूरत से ज्यादा हथियार बन गए हमने देखा है उजला चेहरा और दिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।