बेटे की चाह में कोख में मार दिया जाता बेटियां किसी बेटे से कम नहीं ,भूला दिया जाता। पूछती अपनी मां से , क्या मेरा बेटी होना गुनाह है बेटी के जन्म से पहले ही ,उसके अरमानों को कुचल दिया जाता है। यूं तो देवी का अवतार माना जाता परंतु […]

इंदौर। कोरोना संक्रमण काल के दौरान लगे लॉक डाउन में मातृभाषा.कॉम से जुड़े रचनाकारों द्वारा किए उत्कृष्ट सृजन को संस्मय प्रकाशन द्वारा पुस्तकबद्ध किया गया, इस पुस्तक का विमोचन मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे द्वारा किया गया। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ […]

दर्द की रात हो या, सुख का सवेरा हो…। सब गंवारा है मुझे, साथ बस तेरा हो…। प्यार कोई चीज नहीं, जो खरीदा जा सके। ये तो दिलो का, दिलो से मिलन है।। प्यार कोई मुकद्दर नहीं, जिसे तक़दीर पे छोड़ा जाए। प्यार यकीन है भरोसा है, जो हर किसी […]

बात बात पर रूठना कभी अच्छी नही होता रूठकर फिर मुंह मोड़ना कतई अच्छा नही होता अपनत्व के रिश्तों में खटास आ जाती कभी कभी अपनो से रिश्ते तोड़ना कभी अच्छा नही होता अहित किसी का करना कभी हितकारी नही होता गलत काम का परिणाम कभी अच्छा नही होता जो […]

यदि किसी संस्कृति को समझना है तो सबसे जरुरी है कि हम उस संस्कृति की महिलाओं के बारे में जानें, उनके हालात और परिस्थितियों को समझने की कोशिश करें क्योंकि महिलाएं समाज के वास्तविक चेहरे का दर्पण होती हैं। भारतीय समाज के बारे में देखा जाये तो हम पाते हैं […]

मनुष्य की भांति भाषाओं का भी अपना समय होता है जो एक बार निकल जाने के बाद वापस नहीं लौटता।इसे हम संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश इत्यादि के साथ घटित इतिहास के द्वारा समझ सकते हैं।यह ऐतिहासिक तथ्य है कि आदिकाल में राजस्थानी मिश्रित डिंगल और पिंगल शैली तथा बुंदेली एवं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।