सुहागनों का फिर एक त्यौहार आया है, जिसका नाम करवाचौथ बताया है। हर एक सुहागन ने मेंहदी से, आपने पिया का नाम लिखवाया है।। सुबह से काम में व्यस्त होने लग जाती हैं, सज सबर के येे कुछ अलग अंदाज़ में आतीं हैं। एक नई खुशी, नया पल को येे […]

याद करोगी मुझको,मेरी बातो को याद करके , चला जाऊ जब जहाँ से याद करना जी भर के | कैसे करू गुफ्तगू तुमसे,जब पास नहीं तुम मेरे , आओगी जब पास मेरे,गुफ्तगू करना जी भर के | भूल जाना उन हसीन दिनों को जब पास थी मेरे , आऊंगा जब […]

इस कार्यक्रम का संचालन सचिव श्री रमेश भाई मुलवाणि द्वारा किया गया था आभार प्रकट एडवोकेट श्री कांतिभाई पटेल कोषाध्यक्ष द्वारा किया गया था, अंत में राष्ट्र गीत ज़न गण मन श्री डॉ गुलाब चंद पटेल अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत किया गया डॉ गुलाब चंद पटेल अध्यक्ष महात्मा गांधी साहित्य सेवा […]

दर्द सहने की अब आदत सी हो गई है। प्यार किया है तो इसे सहना पड़ेगा। कांटो पर चलकर मोहब्बत को पाना पड़ेगा। बीत जायेंगे दुखभरे दिन कांटो पर चलचल कर। और मोहब्बत करने वाली को समाने आना पड़ेगा।। जब प्रेमी प्रेमिका थे तब की बात अगल थी। जिंदगी जीने […]

लोकतंत्र में मतदाता ही चुनाव में दीपावली मनाते हैं। मतदाता ही लोकतंत्र के दीये जलाते हैं और मतदाता ही लोकतंत्र के दीये बझाते भी हैंै। जिस दल या नेता का दीया मतदाता जलाते देते हैं उसके घर पर दीपावली मनती है और जिसके घर के दीये मतदाता बुझा देते हैं […]

सुहागन के सुहाग की रक्षा का महापर्व सुहागन के उपवास पर हर सुहाग करता गर्व भारतीय संस्कृति का यह अनूठा त्यौहार है एक दूसरे के प्रति बढ़ता इससे सद्व्यवहार है करवा चौथ के पर्व पर करो एक संकल्प क्रोध जीवन मे न रहे शांत स्वभाव विकल्प।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 26

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।