बुजुर्ग घर की रौनक बढाते है घर का रक्षा कवच कहलाते है बुजुर्ग अनुभव का खजाना है बहुत खलता उनका जाना है जीवनपर्यंत उन्हें सम्मान दो उनकी इच्छा को अधिमान दो खराब नक्षत्र ठीक हो जायेगे बिगड़े सारे काम बन जायेगे बुजुर्ग सेवा का फल मिलता है घर का कोना […]

अत्र कुशलम तत्रास्तु! सबसे पहले बात भाषा की। आवासीय सोसायटी में रहने वाली डॉ मीनाक्षी महाराष्ट्र की है । पिछले 2 वर्ष से बैंगलोर में हैं। बेटी 12वीं में निजी उर्फ पब्लिक स्कूल में ।विषय कॉमर्स । साथ में अंग्रेजी और हिंदी। हिंदी सुनकर मुझे कुछ आश्चर्य मिश्रित झटका लगा। […]

मैं और मेरे मे भेद है भारी आत्मा हूँ मैं और शरीर बाहरी मैं हूं एक ज्योति बिंदु आत्मा उसी रूप मे मिलते परमात्मा शरीर मेरा रथी कहलाता आत्म ऊर्जा से जीवन नाता देहाभिमान मे रहना छोड़ो आत्म बोध का मधुर रस घोलो विदेहीपन मे जो खो गया वही परमात्मा […]

बादल बरस-बरस कर थम गये थे, भादो खत्म होने को थी | कुसुमप्यारी अपने झोपड़े को लीप-पोत रही थी | उसका खसम (पति) नीम के पेड़ के नीचे टूटी खटिया पर पड़ा-पड़ा खाँस रहा था | कुसुमप्यारी के ब्याह को अभी मुश्किल से पूरे तीन वरस भी नहीं हुए थे […]

आओ चलें अमर इतिहास के कुछ पन्ने पलटाते हैं, आज हम झाँसी वाली रानी की अमर गाथा सुनाते हैं। काशी के ब्राह्मण कुल में जन्मीं प्यारी मनु सुकुमारी थी, बचपन से ही प्रिय खड्ग और अश्व की सवारी थी। शौर्य और वीरता की झलकती अद्भुत कहानी थी, खूब लड़ी अंग्रेजों […]

रामलाल और गोपाल ने एक दूसरे के गिलास को शाही अंदाज में टकराया और उक ही सांस में खाली कर दिया ‘‘साली बहुत कड़वी है…….देशी है न ….’’ कहते हुए वह हंसा । अब हमारे पास चखना तो है नहीं…..ये लो जामुन की पत्ती को ही चबा लो…..मैंने इसे तोड़कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।