‘रसानुभूति’ द्वारा आयोजित हुयी पंचम परिचर्चा इंदौर। आचार्य कुन्दकुन्ददेव किस एक परिधि के नहीं अपितु सच्चे सुख के पथदर्शक हैं। वास्तव में वे एक आम्नाय हैं जो जीवों को सहजता का मार्ग प्रशस्त करते हैं। आज भी जीवन-मरण की व्याख्या का सिद्धांत जो आचार्य कुन्दकुन्ददेव ने प्रतिपादित किया आज उस […]
