मानव जीवन की राहों मे इंसानियत का मिलना अच्छे समय की पहचान है इंसानियत को आगे बढ़ाना अच्छेपन की पहचान है अच्छो का साथ निभाना मानवीय सफलता की जान है यह सब तभी होता है जब परमात्मा को हम जान लेंगे बदलते समय को पहचान लेंगे यही अच्छे विचारो का […]

घर-ऑंगन में जो फुदका करती थी, दाना चुंगकर ठंडा पानी पीती थी । कहॉं गई वो प्यारी नन्हीं सी गौरैया ? चीं-चीं, चूं-चूं हरदम करती थी, बरसात में पंख फैलाकर नाचा करती थी । कहॉं गई वो प्यारी नन्हीं सी गौरैया ? तिनका-तिनका इकट्ठा करती थी, सुंदर सा नीड़ निर्माण […]

जल है तो भविष्य उज्जवल है, जल नहीं तो केवल कल कल है। कल के लिए जब जल बचाओगे, तभी तुम अपना भविष्य बचाओगे।। जल ही तो केवल जीवो का जीवन है, वरना जल बिन जीवन का मरण है। अगर विश्व में जल कल नहीं होगा, भविष्य निश्चित अंधकार में […]

नदिया न पिये, कभी अपना जल। वृक्ष न खाए, कभी अपना फल। सभी को देते रहते, सदा ही फल जल। नदिया न पिये कभी…।। न वो देखे जात पात, और न देखे छोटा बड़ा। न करते वो भेद भाव, और न देखे अमीरी गरीबी। सदा ही रखते समान भाव, और […]

ज्योतिबिंदू स्वरूप है परमात्मा का सार आत्मा भी नजर आये ज्योतिबिंदू वार बहुत सरल है इस विधि से परमात्मा को पाना राजयोग सीख़ लो न रहे देह का भान आत्मस्वरूप में मिलता है परमात्मा का ज्ञान व्यर्थ समय न गंवाओ छोड़ो सारे विकार प्रभु मिलन मनाओ अपना जीवन सफल बनाओ। […]

दिल के भाव जब पन्नों पर, मोती से बिखरने लगते हैं। रचती है प्यारी कविता तब, अरमान मचलने लगते हैं। हो जाए लाचार जुबाँ जब, तब कविता तलवार बनती है। दुनियाँ वालों के हर प्रश्न का, करारा जवाब ये बनती है। हर प्रेमी के प्रेम की सदा, आवाज ये बनती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।