सरकार कहती है `डिजिटलीकरण` करो। बैंक कहते हैं-`अंधाकरण` करो। जब अंधे बैंक लूट सकते हैं,तो बैंक कर्मचारियों को अंधा नहीं कहा जा सकता। आप कैशलेस होना चाहते हैं,बैंक वही तो कर रहे हैं। आपको कैशलेस और खुद को कैशवान। बैंक नारा देती है-रिश्तों की जमा पूंजी-आपको समझ में नहीं आता […]
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छिन्न-भिन्न कर दीजिए,उनके सारे अंग, जो सैनिक को पीट कर,दिखा रहे थे रंग।। फारुख अब्दुल्ला कहे,’राइट’ पत्थरबाज, सेना को ही सौंप दो,खल का करे इलाज।। मणिशंकर चिल्ला रहा,जैसे ऊदबिलाव, इसे जीप पर बाँधकर,इक-दो गली घुमाव।। बेशर्मी की हद करे,सुश्री शबनम लोन, कोई मुझको दीजिए,इस हरहठ का फोन।। महबूबा के मोह […]
