पड़ गई सारी उल्टी चाल,किया दिल्ली ने गुरु घंटाल, हार गए यार केजरीवाल,बनाया ईवीएम को ढाल.. सत्तर में से सड़सठ लाए,चल गया झाडू,कूचा, सोच रहे थे जीत लिया है हिंदुस्तान समूचा.. अब उतरी केंचुली की खाल,ले गया फिरकी कैसे काल.. पड़ गयी सारी उल्टी चाल ——। सबको डरा रहे थे […]

ऐ किसान पुत्र आजा, चल सेना में भर्ती हो.. तेरी रोटी की समस्या चुटकी में होगी हल.. और सुन आदिवासी तू बहुत भूख-भूख चिल्लाता है, बहुत विनोबा भावे बनता है.. जंगल-जंगल करता है, विकास के पथ पर तू बहुत अवरोध खड़े करता है.. सुन,तू अपने दम पर बंदूक उठा चल […]

  तुमने कहा था,कि भूल जाना मुझे, वादा भी किया था मैंने अपने-आपसे कि,भूल जाऊँगी तुझे.. पर नहीं भुला पाई तुझे और तेरे प्यार कोl।   रोज इसी वादे के साथ सुलाती हूँ मैं दिल को, कि, नहीं याद करेगा वो कल तुझे पर जब भी खुलती है न मेरी […]

अक्सर पूछता है वो शख्स क्या है तेरे गांव में मेरे शहर से बढ़कर..जो तू करता है कुछ यूं बड़बोलापन। जहाँ, गाय गोबर देती है और माँ उस पर अधपकी रोटी बनाती है..क्या रखा है रे बड़बोले तेरे उस गांव में? अब तक क्या देखा तूने गांव में..सुन दिखावटी रौनक […]

तिरंगा ओढ़ करके देख,तेरा लाल आया है। न प्राणों की फिक्र की,मातृ इज्जत को बचाया है।। न रोना माँ मेरी वरना,तिरंगा भीग जाएगा। तिरंगे के लिए ही हमने,जीवन को गँवाया है।। लहू के रंग से जिसने,तिरंगे को सजाया है। कफ़न में ओढ़कर अपने,तिरंगे को वो आया है।। सुहानी शाम जिसने […]

  चलो उस जिन्दगी को ढूंढने निकलते हैं, जो बार-बार मचलती है,बार-बार फिसलती है.. जो बार-बार छटपटाती है,जो बार-बार अपना हाथ छुड़ाती है, चलो उस जिन्दगी को ढूंढने निकलते हैं …..l एक बार जब मैं निकला था साँसों की तलाश में, कुछ कर गुजरने की आस में.. फँस गया प्रवंनाओं के जाल में, खो गया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।