प्रकाश पर्व का अभिनन्दन, सबका ज्योतिर्मय हो अंतर्मन। हम सब मिलकर दीप जलाएं, इस धरा से अंधेरा दूर भगाएं। शुद्ध करें निज मन मन्दिर को, छोड़ें व्याप्त क्रोध-अनल को त्यागें मन से लालच-विष को। विश्वात्म बनें! आत्म मिटाकर, परमात्म बनें! `मैं` को त्यागकर। ज्योति पर्व की इस बेला में, मन […]