मातु शारदे वर दे…। धवल पुष्प विराजनी रजत वस्त्र धारणी समस्त वरदायनि मां वीणा पाणिनी… ज्ञान-विज्ञान-संस्कार जीवन में भर दे मातु शारदे वर दे…। मुनिजन,गुणीजन मन में है ध्यावे, तुमसे ही संसार सदा ज्ञान पावे अज्ञान-तम-अँधेरा जीवन से हर दे मातु शारदे वर दे…। अक्षर सुरों की तुम्ही माँ हो […]
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आया बसंत,आया बसंत, देखो,सबको भाया बसंत गेंदा,गुलाब,मोगरा,चमेली, सब फैलाएँ मिल अपनी सुगंध आया बसंत,आया बसंत। कलिकाओं ने घूंघट खोले, फूल चुपके-चुपके बोले देखो ज़रा दिग् दिगन्त, आया बसंत,आया बसंत। सुरभित कितना नव बसंत, कुसुमित कितना नव बसंत रहे यूँ ही यह जीवन पर्यन्त, आया बसंत,आया बसंत। दिग्भ्रमित कोई भी […]