तुम्हें भी हो गई नफ़रत,छुपाओ मत बहानों में, मेरा भी दिल नहीं लगता है,अब ऊँचे मक़ानों में। तुम्हारा साथ जब तक था,ग़रीबी में भी हँसते थे, जुदा होकर ख़ुशी मिलती नहीं हमको ख़ज़ानों में। तुम्हारे दूर जाने से मज़ा आता नहीं हमको, दीवाली के पटाख़ों में,मिठाई में,मखानों में। तुम्हारा ईद […]