जीवन सदैव संघर्ष है यह स्वीकार लो जरूर सदा आराम मेँ रहना होती है भारी एक भूल संघर्ष का कठिन रास्ता जीवन को कुंदन बनाता है वही विकास के रास्ते पर हमको लेकर जाता है जिंदगी में इसी संघर्ष से खुशहाली का रंग आता है अच्छा ही अच्छा होता है […]

मुंशी प्रेम चंद उर्दू साहित्य में एक अद्वितीय चरित्र हैं। मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास गौदान बहुत पहले पढ़ा गया था। तब कुछ लिख नहीं पाया। हाल ही में इस उपन्यास को फिर से पढ़ा। इस बार मकसद इस पर अपनी राय देना था। दूसरी बार पढ़ने के बाद मैं अभी […]

क्यों तुम वेबजाह आ कर दिलकी वीणा बजा देती हो। और फिर कही खो जाती हो क्या मिलता है ये करके। न सुकून से खुद रहते हो और न हमें रहने देते हो। मुद्दत हो गई तुम्हें भूले फिर क्यों बार बार आते हो।। जिंदगी को साथ चाहिए था तब […]

धर्म सभी का ऐसा हो बढ़े चरित्र का मान सबके चरित्र से बनती है अपने देश की शान संस्कार ,संस्कृति,मानवता है भारत की पहचान इन गुणों को अपनाने से बनता भारत महान् अहिंसा के हम है प्रहरी शांति के पोषक कहलाते परमात्म मार्ग पर चलते हम दुनियां के प्रेरक बन […]

स्वदेशी के नाम पर आजकल बहुत हो-हल्ला हो रहा है । जिसे देखो, वही स्वदेशी की बात कर रहा है । नेताजी के भाषणों में स्वदेशी शहद की तरह टपकता है । बाबा रामदेव जी महाराज ने तो स्वदेशी के नाम पर ही अपना सारा कारोबार खड़ा किया है । […]

इन्दौर। हमेशा अपनी दुआओं से घर-परिवार को रौशन रखने वाले किन्नर समूह को कोरोना के आपदाकाल में मातृभाषा उन्नयन संस्थान एवं सेवा सर्वोपरि प्रकल्प द्वारा आज कोरोना सुरक्षा कवच वितरित किए गए। सेवा सर्वोपरि प्रकल्प के इरशाद खान ने बताया कि ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान विगत दो माह से राशन, भोजन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।