परमात्मा शिव है पहले योगी राजयोग हमे सिखलाते है स्वयं की इंद्रियां वश में रहे ऐसा पाठ हमे पढाते है सिर्फ एक दिन का योग नही है ये यह तो नियमित पाठशाला है माता पिता और गुरु है शिव जो आकर हर रोज़ पढाते है शारिरिक अभ्यास को योग न […]
पृथ्वी को चारो तरफ से घेरे हुए हैं जो सुंदर आवरण। उसे ही कहते हैं हम पर्यावरण।। ************************* प्रकृति में सीमित है सब संसाधन। इसलिए सोच -समझकर करो इसका दोहन।। ************************* मानव प्रकृति से करके छेड़छाड़। अपना ही कर रहा है बिगाड़।। ************************ जब से शुरू किये हैं वनो की […]
